world economic forum summit and why it is important स्विट्जरलैंड के दावोस में सोमवार से ‘विश्व आर्थिक मंच’ सम्मेलन शुरु हो रहा है। पहली बार इस मंच पर सुबह और शाम को योगाभ्यास किया जाएगा। इस मौके पर भारत की तरफ से दो आचार्य जाएंगे जो वहां सुबह शाम लोगों को योग करना सिखाएंगे।इस फोरम का सबसे चर्चित इवेंट यह शीतकालीन बैठक होती है, जो कि आज से शुरू होने जा रही है. यह बैठक दावोस नाम के शहर में आयोजित की जाती है और कई मुद्दों का हल इस बैठक में निकल जाता है. इस बैठक में करीब 2500 लोग भाग लेते हैं. हर साल इस बैठक का मुख्य मुद्दा या थीम अलग होती है. इस बार इस बार थीम है- ‘विभाजित दुनिया के लिए साझा भविष्य का निर्माण’. साल 2017 में ‘संवेदनशील और जिम्मेदार नेतृत्व’, 2016 में ‘मास्टरिंग द फोर्थ इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन’ और 2015 में ‘नए वैश्विक सन्दर्भ’ थीम थी. इस साल 48वीं बैठक का आयोजन होने जा रहा है.इस बार क्या है खास- इस बार डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ और विश्व बैंक सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 38 प्रमुख भी इसमें उपस्थित होंगे. इसके अलावा विभिन्न देशों के 2,000 कंपनियों के सीईओ भी इसमें शिरकत करेंगे. इस साल की थीम ‘Creating a Shared Future in a Fractured World’ यानी ‘बटी हुई दुनिया के लिए साझा भविष्य का निर्माण है’. वर्ल्ड इकोनॉमिक फ़ोरम 2018 में ऐसा पहली बार हो रहा है कि बड़ी संख्या में महिलाएं कई सत्र को मॉडरेट और संबोधित करेंगी. भारत के लिए ऐतिहासिक- विश्व आर्थिक मंच की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी प्लेनेरी सत्र को संबोधित करेंगे. अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारत की विकास गाथा को वैश्विक मंच पर रखेंगे और दुनिया को भारत, जो कि न्यू इंडिया और इनोवेटिव इंडिया बनने को तैयार है उस से रूबरू कराएंगे. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी स्विटज़रलैंड के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. सोमवार को मीडिया से बात करते हुए योग गुरु राम देव ने बताया, ‘ये पहली बार है जब विश्व आर्थिक मंच पर योगाभ्यास किया जाएगा। हमारे दो आचार्य आज दावोस के लिए रवाना हो रहे हैं। दोनों आचार्य वहां सुबह और शाम में योग कराएंगे।’ ज़ाहिर है भारत ने योग को पूरे विश्व में स्थापित किया है। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने दिसंबर 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मनाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सोमवार को विश्व आर्थिक मंच में हिस्सा लेने स्विट्जरलैंड के दावोस जाएंगे। दो दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भारत का कोई प्रधानमंत्री इस फोरम में हिस्सा लेने जा रहा है। इससे पहले 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया था। मोदी के बाद वहां विभिन्न सत्रों व कार्यक्रमों में वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु, पेट्रोलियम राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, रेलवे मंत्री पीयूष गोयल, पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर हिस्सा लेंगे।]]>